HIV क्या है? कैसे फैलता है और स्वास्थ्य पर इसका असर
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HIV क्या है? कैसे फैलता है और स्वास्थ्य पर इसका असर |
HIV क्या है?
HIV का पूरा नाम है वो है ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) है। यह वायरस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर बहुत तगड़ा हमला करता है, खासकर हमारे शरीर के जो CD4 कोशिकाओं (T cells) होती है जिन्हें हमारी इम्यून सिस्टम के सैनिक कहा जाता है। असल मायने में ये कोशिकाएं हमारे शरीर को बीमारियों और संक्रमणों से बचाने का काम करती हैं।
अगर आप HIV Positive है और समय के साथ अगर आपके HIV का इलाज न किया जाए, तो यह आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। नतीजा स्वरूप यह होता है कि व्यक्ति यानि आपको छोटी-छोटी बीमारियाँ भी जल्दी होने लग जाती है थोड़ा सा मौसम बदलने पर भी आपको जुकाम खासी, थोड़ा सा शरीर पर घाव लगने पर कई महीनों तक न सूखना ये सब आम बात हो जाती है व आपका शरीर आपका इम्यून सिस्टम कम जोर होने लग जाती हैं और धीरे-धीरे यह बीमारी AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) में बदल जाती है जो एक जानलेवा बीमारी होती है।
दोस्तो HIV से संक्रमित व्यक्ति कई सालों तक बिना किसी लक्षण के रह सकता है। लेकिन जो वायरस होता है वह वायरस शरीर के अंदर धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुचाता रहता है।
HIV कैसे फैलता है?
HIV कुछ खास शारीरिक तरल पदार्थों (bodily fluids) के जरिए फैलता है यह कोई ऐसा वायरस या बीमारी नहीं है जो धरती पर रहने वाले अन्य जानवरों से फैलता हो, बल्कि यह खुद मानव की गलतियों या उनके लापरवाही से ही फैलता है: इस वायरस या बीमारी की पहचान सबसे पहले 1981 में अमेरिका में की गई थी। उस समय लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क में कुछ युवा पुरुषों में अचानक बहुत दुर्लभ तरह का निमोनिया (Pneumocystis carinii pneumonia) और कैंसर (Kaposi’s sarcoma) बहुत अधिक मात्रा में पाया गया था। यह बीमारी पहले तो सिर्फ उन लोगों में दिखती थी जिनकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती थी या फिर जो ज्यादा शारीरिक रूप से ज्यादा कमजोर हुआ करते थे।
उस समय डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा था कि लोगो में यह क्यों हो रहा है यह क्यों फैल रहा है। बाद में पता चला कि यह सब एक नए वायरस की वजह से हो रहा है।
सन 1983 में, फ्रांस के वैज्ञानिक Luc Montagnier और उनकी टीम (Pasteur Institute, Paris) ने पहली बार HIV वायरस को पता खोजा था।
उसी समय अमेरिका के कुछ वैज्ञानिक की टीम भी इसी वायरस पर शोध कर रही थी। उसी समय Robert Gallo की टीम ने भी इसे खोजा था और साबित किया कि यही वायरस है जो AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) नामक नए बीमारी यानि वायरस का कारण है।
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सबसे पहली जो इसकी पहचान की गई थी वह अमेरिका में gay community के कुछ मरीजों में मिली थी, जिन्हें अजीब तरह का संक्रमण और कैंसर हो रहा था। फिलहाल इन्हें ही सबसे पहले दर्ज HIV/AIDS cases माना जाता है पूरे संसार में।
अब जानते है HIV कैसे फैलता है :
- खून (Blood): अक्सर लोगो को सुई लगते ब्लैड चढ़ते हुए देखे ही होंगे। अगर अपने आपकी सुई जो है वो संक्रमित सुई या सिरिंज निकली और जिस व्यक्ति के साथ वह साझा किया गया था अगर वह HIV positive था तो अब आपको भी HIV होना पॉसिबल है।
- वीर्य और योनि स्राव (Semen & Vaginal Fluids): सबसे ज्यादा HIV के मामले पूरी दुनिया में असुरक्षित यौन संबंध बनाने से ही मिलता। तो इसके लिए आपको अपने से सुरक्षित यौन क्रिया करनी होगी।
- स्तनपान (Breast Milk): HIV पॉज़िटिव मां अगर अपने बच्चे को गर्भावस्था, प्रसव या दूध पिलाने के दौरान संक्रमित कर सकती है। जिससे आपका बच्चा भी HIV Positive हो सकता है।
क्या HIV सामान्य संपर्क से फैलता है?
नहीं। वैज्ञानिकों के अनुसार HIV हाथ मिलाने, गले लगाने, मरीज के बर्तनों को साझा करने से, पसीने, आँसू या थूक कभी नहीं फैलता है। जब तक इनमें उस मरीज का खून न मिला हो, तब तक आपको उस मरीज से कोई खतरा नहीं होता है।
HIV के लक्षण और शरीर पर असर
HIV के शुरुआती लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते हैं।
- कुछ लोगों में शुरू में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जैसे (बुखार, गले में खराश, शरीर पर दाने, थकान)।
- ये लक्षण अपने आप ठीक हो सकते हैं, लेकिन वायरस शरीर में हमेशा बना रहता है।
जैसे-जैसे वायरस आपके शरीर के CD4 Cell कोशिकाओं को नष्ट करता है, शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता घटती जाती है। नतीजतन:
- सामान्य संक्रमण से भी आप गंभीररूप से बीमार हो सकते हैं।
- व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है।
- समय के साथ यह बीमारी AIDS में बदल सकता है जो एक जानलेवा बीमारी बन जाती है।
HIV का इलाज और प्रबंधन
HIV का अभी तक कोई स्थायी इलाज (Cure) नहीं है, लेकिन Antiretroviral Therapy (ART) नाम की दवाइ है जिससे इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें वायरस से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है जैसे:
- वायरल लोड कम करना: ART दवाईयों के प्रयोग से शरीर में वायरस की मात्रा बहुत हद तक कम हो जाती है, यहाँ तक कि "Undetectable" लेवल तक हो जाती है यानि वायरस शरीर में दिखता ही नहीं की यह व्यक्ति HIV से पीड़ित भी है।
- लंबा जीवन: ART के नियमित दवाइयाँ लेने पर HIV पॉज़िटिव लोग भी इसके सहायता से लंबे और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
- संक्रमण रोकना: ART दवाईयों की वजह से ही वायरल लोड कंट्रोल में रहता है, जिसकी वजह से दूसरों तक HIV पहुँचने का खतरा लगभग शून्य हो जाता है।
HIV से बचाव के तरीके
- सुरक्षित यौन संबंध हमेशा बनाए: हमेशा सेक्स करने के पहले कंडोम का उपयोग जरूर करें। यह 95% तक HIV से आपको बचाता है।
- PrEP (Pre-Exposure Prophylaxis): यह दवा उच्च जोखिम वाले लोगों को HIV से बचा सकती है। अगर आपको जटिल HIV है तो इसका उपयोग जरूर करे।
- सुई साझा न करें: ड्रग्स या इंजेक्शन के लिए साफ और नई सुई का ही इस्तेमाल करें। किस भी दूसरे व्यक्ति के शरीर की सुई न ले।
- टेस्ट और जागरूकता: समय-समय पर HIV टेस्ट कराते रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।
HIV की जांच (Testing)
HIV का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट होते हैं:
- एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody Tests): इसमें खून या लार में एंटीबॉडी खोजते हैं। Hiv है या नहीं इससे मालूम चलता है।
- एंटीजन टेस्ट (Antigen Tests): इसमें सीधे वायरस की मौजूदगी का पता लगाते हैं।
- NAT टेस्ट (Nucleic Acid Tests): इससे वायरस के जेनेटिक मटीरियल को पहचाना जाता हैं।
आपको हमेशा नियमित टेस्ट करवाना जरूरी है क्योंकि HIV सालों तक बिना लक्षण दिखाए भी आपके शरीर में मौजूद रह सकता है जिसका हो सकता हो आपको अंदाजा तक न हो।
निष्कर्ष
HIV एक गंभीर लेकिन नियंत्रित किया जा सकने वाला वायरस है। अगर आपको सही जानकारी, सुरक्षित आदतें, समय पर टेस्ट और नियमित इलाज किया जाए तो इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। आज लाखों लोग HIV के साथ लंबा और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। समाज में जागरूकता और सहयोग ही HIV से लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार है और इसका बचाव भी।