How Prayagraj Makes Millions Billions Money During Mahakumbh :
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आईपीएल जैसा मेगा इवेंट 2023 - 2024 में जहां लग रहा है कि 12000 करोड़ की आस पास की कमाई होगी, वही इस साल अनुमान है कि महाकुंभ में 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा का रेवेन्यू जनरेट करने वाला है। यानी इस बार UP सरकार पैसा ही पैसा छापने वाली है। ऐसा लगता है मानो महाकुंभ 45 दिन में पैसा डबल करने वाली स्कीम हो गई है यूपी सरकार के लिए।
तो क्या सच है कि मैं प्रयागराज महाकुंभ इस साल में 2 लाख करोड़ का राजस्व अर्जित कर सकता है।
What is the revenue of Mahakhumb in 2025 :
आप देखेंगे कि यूपी की कुल जीडीपी 24.50 लाख करोड़ के आसपास है। वहां पर प्रयागराज जैसे छोटे से शहर में अगर 2 लाख करोड़ रूपये का राजस्व उत्पन्न हो जाए तो ये किसी भी राज्य के लिए उसके अर्थव्यवस्था को बढ़ावा तो देगा ही। साथ ही साथ उस राज्य की आर्थिक स्थितियों में सुधार भी होगा।
पर सवाल ये है कि ये सब पैसे आयेंगे कहा से। इन सबकी कमाई का सोर्स क्या होगा। यूपी सरकार को किन किन सेक्टर से पैसे मिलेंगे आइए जानते हैं आज इन सब को बड़ी बारीकियों के साथ।
About Khumbh Fair :
देखिए भारत में कुंभ मेले 4 जगह पर लगता है प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन। ये मेला बहुत ही प्राचीन समय से कराई जा रही है भारत में। वैसे ये मेले 3 प्रकार के होते हैं एक होता है
- कुंभ मेला
- अर्द्ध कुंभ मेला
- महाकुंभ मेला।
जो हर वर्ष लगता है वह एक कुंभ मेला होता है जो हर 6 साल में लगता है जिसे हम अर्धकुंभ कहते हैं और दशहरा मेला जिसे हम महाकुंभ कहते हैं वह अक्सर 12 साल में लगता है। हर कुम्भ का अपना-अपना महत्व होता है सनातन धर्म में। यह हिंदू धर्म की प्राचीनतम धरोहरों में से एक है। सनातन प्रेमियों में महाकुंभ को लेकर एक अलग ही आस्था प्रेम है
About The Last Mahakumbh Earnings:
पिछला महाकुंभ जो 2013 में संपन्न हुआ था। उस महाकुंभ में लगभग 1200 करोड़ का बिजनेस किया था, उस समय लगभग 12 करोड़ लोग स्नान करने आए थे। उस समय यह मेला लगभाग 55 दिनों तक चला था।
वही इसी तरह 2019 के कुंभ में 24 करोड़ लोगे स्नान करने आये थे और उस समय की कमाई थी लगभग 1.2 लाख करोड़ के आस पास की थी।इसके साथ साथ ही उस समय वहा पर 6 लाख से भी ज्यादा लोगो को रोजगार मिला था।
तो इस साल जो कमाई का अनुमान लगाया जा रहा है संभवत: इसे भी हासिल किया जा सकता है क्योंकि इस साल मीडिया और सरकारों की तरफ से पहले ही बताया जा रहा है व अनुमान लगाया जा रहा है कि 40 से लेकर 60 करोड़ से भी ज्यादा तीर्थयात्री और पर्यटक आने वाले हैं।
आप खुद ही कल्पना करिए कि जिस जिले की जनसंख्या 18 से 20 लाख के आस पास की है, उसके आस-पास की कुछ किलोमीटर के क्षेत्र में 40 करोड़ की आबादी रहने वाली है। वो भी करीब 45 से 50 दिन तक। ये काफी घने होने वाली है इन सब के प्रबंधन के लिए यूपी सरकार ने 7000 करोड़ से भी ज्यादा रूपये खर्च किए हैं। 2019 में भी इसका अनुमान बजट 4000 करोड़ का था। इस बार का बजट को थोड़ा और ज़्यादा कर दिया गया है।
Watch On Youtube :How Prayagraj Mahakhumbh Makes 2 Lakh Crore Rupees
Mahakhumbh Budget :
आप कल्पना कीजिए जो महाकुंभ 142 साल पहले 1882 में महज 20 हजार का बजट था आज यही बजट 7000 करोड़ तक पहुंच चुका है, उस समय लगभग 8 लाख लोगों ने स्नान किया था। उस समय हमारे भारत की आबादी कुल 22 करोड़ के आस पास की थी।
उस समय में कुल खर्च 20,288 रूपए किया गया था, आज के हिसाब से देखें या अनुमान लगाए तो यह करीब 3.65 करोड़ रूपये के बराबर होगे।
1894 के मेले में स्नान पर्व में 10 लाख लोगो ने हिस्सा लिया था। और इस समारोह पर 69,427 रूपये (वर्तमान कीमत में लगभग 10.5 करोड़ रुपये) खर्च हुए थे।
1906 के कुंभ में करीब 25 लाख लोग शामिल हुए थे और उस पर 90,000 रुपये किए गए थे अगर वर्तमान में इसकी कीमत करीब 13.5 करोड़ रूपये के आस पास बैठती है। उस समय देश की जनसंख्या 30 करोड़ की थी। इसी तरह, 1918 के महाकुंभ में करीब 30 लाख लोग शामिल हुए थे, जिसमें प्रशासन ने 1.37 लाख रुपये (आज के हिसाब से 16.44 करोड़ रुपये) दिए थे।
तो आप कल्पना कर सकते हैं कि 142 साल में आज भारत कितना कुछ बदल चुका है।
Where did the UP Government Spend 7000 Crore rupees
इन सब पैसे को सरकार ने विभिन्न प्रकार के उद्देश्य के लिए खर्च किया है, जैसे बुनियादी ढांचे का विकास, सड़कें, पुल, अस्थाई आवास, सुरक्षा व्यवस्था, जिसमें पुलिस, चिकित्सा दल, अग्निशमन दल और निगरानी प्रणाली और ड्रोन सेवक भी शामिल हैं। स्वच्छता, परिवहन, और अन्य रसद आवश्यकताएं, उन्नत प्रौद्योगिकियां और डिजिटल इक्यूपमेंट भी शामिल किया गया है।
Area in Mahakhumbh
- महाकुंभ मेले के लिए जो क्षेत्र 2023 में 3000 हेक्टेयर था उसे बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर कर दिया गया है जिससे ज्यादा लोग आ सके।
- तीर्थयात्रियों के लिए जो अगले साल 500 बस चली थी उनको बड़ा कर 1000 बस चलाई जा रही है। अभी वहां पर 100 से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है केवल प्रयागराज महाकुंभ के लिए।
Bridges :
- 2024 में लगभग 10 नए पुल बनाए गए थे। 2025 के कुंभ मेले के आयोजन के लिए 25 से अधिक आधुनिक पांटून पुलों और बड़े पुलों का निर्माण किया गया है, विशेष रूप से संगम क्षेत्र के आसपास, जिससे लोगों का कठिनाइयों का सामना न करना पड़े और आवागमन में कोई दिक्कत भी न हो।
- 2024 में 400,000 शौचालयों की व्यवस्था की गई। 2025 में इस संख्या में वृद्धि हुई अब 500,000 से ज्यादा टॉयलेट का निर्माण किया गया हैं।
Electricity :
- 2023 में 5,000 हाई पावर बिजली पोल और ट्रांसफार्मर का नेटवर्क बनाया गया। 2024 और 2025 में, यह नेटवर्क और भी मजबूत हुआ, और लगभग 7,000 बिजली पोल लगाए गए।
Water Supply :
- पानी पाइन के लिए 2024 में लगभग 15 लाख गैलन पानी की प्रतिदिन व्यवस्था की गई थी। 2025 में यह लगभग 25 लाख गैलन प्रतिदिन हो गया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर असेंबली और पाइपलाइन नेटवर्क की स्थापना की गई है।
- इस साल के कुंभ में डिजिटल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया गया है, जैसे कि स्मार्ट रूट प्लेटफॉर्म, डिजिटल टिकटिंग, कोचिंग के लिए मोबाइल ऐप्स के जरिए वास्तविक समय में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
Security :
- सुरक्षा उपकरणों से, कुंभ क्षेत्र में लगभग 50,000 से अधिक स्टूडियो कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही दिव्यदर्शन पर्यवेक्षक कार्यकम की भी शुरूबात किया गया है इस बार।
- 2024 में करीब 40,000 पुलिस कर्मचारी तैनात थे, जबकि 2025 में 50,000 से ज्यादा पुलिस की तैनाती कर दी गई है। सुरक्षा के लिए नए कंट्रोल रूम और सुरक्षा पोस्ट स्थापित किए गए हैं,
Employees :
- वही जहां अगले साल लगभग 6 लाख लोगों को रोजगार मिला था वही 2025 में, यह संख्या लगभग 8 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें सुरक्षा, स्वास्थ्य, सफाई, बिजली, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल होंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय घरेलू और यात्रियों के लिए अधिक सुविधाए, जैसे कि होटल, धर्मशालाए, रेस्तरां स्थल, और वाशरूम सुविधाए भी शामिल किया गया है।
How will Mahakhumbh generate revenue
इस मेले से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया गया है, जिसमें स्वास्थ्य, होटल-रेस्टोरेंट, निर्माण, सुरक्षा, स्वच्छता आदि व्यवसाय प्रमुख हैं।
जाहिर है कि जब सरकार इतने ज्यादा पैसे निवेश कर रही है तो कमाई भी करेगी
ये सारे पैसे सब पर्यटक तीर्थयात्रियों और सार्वजनिक क्षेत्र से आने वाले हैं। अब आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं जब इतने बड़े पैमाने पर यानी 40 करोड़ से भी ज्यादा लोग आएंगे तो वो जरूर कुछ ना कुछ पैसे खर्च करेंगे ही।
अगर हम मान लें कि एक व्यक्ति रहने के लिए खाने पीने, कुछ समान खरीदने और आने जाने के लिए 1500 खर्च कर रहा है तो वो भी 45 दिन तक तो ये आंकड़ा 2 लाख करोड़ को भी पार कर देगा। यहा पर मैं एक बात ये भी बता दे रहा हू, कि प्रति दिन 40 करोड़ लोग नहीं होगे, पर भी कमाई हो सकती है, जो भी भक्त आयेंगे उनके भोजन आवास के साथ होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्टेशन, बसें, ट्रेन, हवाई जहाज,। इसके अलावा स्थानीय सामान धर्मार्थ निगम आदि से सरकार कमाई करने वाली है। इसके अलावा सरकारी मीडिया और प्रसारण अधिकार और वाणिज्यिक कार्यकर्ता साझेदारी से भी कमाई करने वाली है
और यहीं से स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। छोटे मोटे करोबारी रेडी वालो की इनकम जनरेट होगी। यानी जितनी ज्यादा लोग उतनी ज्यादा कमाई।
तो ये बात पक्की है यूपी की अर्थव्यवस्था को महाकुंभ मेले से बढ़ावा मिलने वाला है
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