लेबनान: सुबह मंगलवार और बुधवार को लेबनान में दूरसंचार उपकरणों में हुए भारी विस्फोटों में दो बच्चों सहित कम से कम लगभग 32 लोग अभी तक मारे गए और वही पर हज़ारों लोग घायल हो गए, जिनमें से कई लोग तो बेहद गंभीर रूप से घायल हुए है। जिनमें वहां के स्थानीय इलाकों के डॉक्टरों ने स्तिथि को बेहद चिंताजनक बताया है। इनमें से प्रयोग में लाए गए दूर संचार उपकरण जो यंत्र थे वह आर्मी समूह के हिज़्बुल्लाह समर्थकों द्वारा इस्तेमाल किए गए थे।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार व बुधवार को हुए हाल के विस्फोटों में, एक वॉकी-टॉकी के फटने से बीच बाजार में करीब 20 लोग मारे गए और कम से कम 450 से भी ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें फौरन जिला हॉस्पिटल के लिया रवाना कर दिया गया।
ये विस्फोट मंगलवार को एक साथ हुए थे। इनमें से एक पेजर विस्फोट को चार पीड़ितों के अंतिम संस्कार में भी विस्फोट किया गया, जो लेबनान के लिए बेहद चिंताजनक का विषय है। यहां पर लोग यानि कि बड़ी मात्रा में भीड़ अंतिम विदाई के लिए एकत्रित हुई थी, इसी एक बहुत बड़ी भीड़ के आसपास एक पेजर विस्फोट कर दिया गया। इन विस्फोटों में कम से कम 12 लोग ऑन द स्पॉट मारे गए और लगभग 3,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
मीडिया रिपोर्टों में बात सामने आई है कि ये पेजर बम ताइवान और हंगरी स्थित दो बड़े फर्मों पर लगाया गया है जो पेजर बम बनाने का आरोप लगाया गया है, इन दोनों देशों के फर्मों ने दोनों ने ज़िम्मेदारी से इनकार कर दिया है। ताइवान सरकार ने तो साफ साफ कह दिया कि इन हमलों में हमारा कोई हाथ नहीं है और वही हंगरी ने कहा है कि पेजर बॉम्ब के कई जो हिस्से वह हमारे देश हंगरी के थे ही नहीं।
ताइवान के अर्थव्यवस्था मंत्री कुओ जेह-हुई ने मीडिया के सामने आकर कहा है:
"पेजर बॉम्ब के जो पुर्जे है वो निम्न-स्तरीय आईसी (IC) और बैटरियों से मिलकर बने हुए है, उन्होंने यह भी कहा कि मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि ये हमारे देश [{ताइवान}] में नहीं बने थे ये किस दूसरे मुल्क के थे।"
पेजर हमले कैसे हुए व पेजर हमलों को अंजाम कैसे दिया गया?
लेबनान देश की राजधानी बेरूत और देश के कई अन्य इलाकों में मंगलवार को स्थानीय समयानुसार लगभग 15:30 बजे (भारतीय मानक समयानुसार के लिहाज से करीब दोपहर के 1:30 बजे) पहले दौर के विस्फोट हुए थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने यानि आस पास के लोगों ने बताया है कि कुछ लोगों की जेबों से धुआँ निकलते हुए देखा गया था, उसके बाद पटाखों और गोलियों जैसे छोटे छोटे विस्फोट हुए।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि पेजर को विस्फोट होने से पहले कुछ संदेश उन्हें मिले थे जो हिज़्बुल्लाह के संगठन के नेतृत्व से आए प्रतीत पड़ते है। अखबार ने तो यह भी बताया कि ये संदेश उपकरणों को सक्रिय करते प्रतीत हुए थे उस समय।
रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने बताया कि शुरुआती विस्फोटों के बाद लगभग एक घंटे तक लगातार छोटे मोटे विस्फोट होते रहे है।
विस्फोट के तुरंत बाद, बड़ी भारी संख्या में लोग लेबनान के प्रमुख अस्पतालों के पास पहुँचने लगे, और वहां के स्थानीय लोगों ने आपातकालीन विभागों में भारी मात्रा में अफरा-तफरी की सूचना दी थी।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करने वाले एक सुरक्षा ऑफिसर के सूत्र के अनुसार, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि जिन वॉकी-टॉकी को हैक करके उड़ाया गया है, वो हिज़्बुल्लाह द्वारा पाँच महीने पहले खरीदे गए उपकरण थे। जिन्हें शुरू के कुछ महीने पहले ही खरीदा गया था।
मंगलवार को हुए हमले के कुछ पीड़ितों के लिए बेरूत में आयोजित एक अंतिम संस्कार के पास कम से कम एक दर्जन से ज्यादा विस्फोट हुआ, जिससे जुलूस के पास जमा हुए लोगों में दहशतगर्दी फैल गई। लोग आनन फानन में भी मारे गए।
हिज़्बुल्लाह ने इन बड़े विस्फोटों के लिए इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू को ज़िम्मेदार ठहराया है, और उन्होंने अल जज़ीरा से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि वह "इस आपराधिक हमले के लिए इज़राइली दुश्मन को पूरी तरह ज़िम्मेदार ठहराते है, यह सबकुछ नेतनयाहू का किया धारा है जिसमें उन्होंने लेबनान के नागरिकों को भी निशाना बनाया है। जो पूरी इंसानियत के लिए शर्म की बात है" इसके उलट में इज़राइल ने इस हमले की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर नहीं ली है।
इस चौंकाने वाली घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए है। कई लोग सोच में पड़ गए कि पेजर को इतना विनाश करने के लिए कैसे बनाया जा सकता है।
पेजर क्या है और इसे कैसे चलाया जाता है?
पेजर एक वायरलेस संचार उपकरण है जो केवल छोटी या लंबी दूरी के पेजिंग नेटवर्क से रेडियो सिग्नल प्राप्त करता है। और उसी के सहायता से चलता है।
पेजर डिवाइस बिना मोबाइल सेवा या वाई-फ़ाई के भी काम कर सकते हैं, यह यंत्र अपने विषम परिस्थितियों के लिए जाना जाता है। इसी कारण से यह डिवाइस आपातकालीन मुख्य उपयोगकर्ताओं, आपातकालीन अस्पताल के कर्मचारियों के लिए , सेना के लिए विशेष रूप से विश्वसनीय यंत्र बन जाता हैं।
पिछले 25 वर्षों से लेबनान के अस्पतालों में पेजर का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता रहा है। 2017 के BMJ के एक अध्ययन में पाया गया था कि नई तकनीक के आगमन के बावजूद भी, पेजर लेबनान के अस्पतालों में संचार का प्रमुख माध्यम बना हुए हैं। डॉक्टर और नर्स अक्सर इंटरनेट समस्याओं के डर के बिना अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को अपडेट या मरीज़ों की जानकारी भेजने के लिए अक्सर इन उपकरणों का इस्तेमाल किया करते हैं।
लेबनान में जिन पेजरों डिवाइसों में विस्फोट हुआ, उन्हें सोने के अपोलो के AR-924 पेजर जैसा बनाया गया था, लेकिन द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये असल में इज़राइली ख़ुफ़िया अधिकारियों के द्वारा बनाए गए थे। सोने के अपोलो पेजर 450 से 470 मेगाहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर संदेश प्राप्त कर सकते हैं, जिससे लगभग 36 मील की दूरी से संचार भी बड़ी आसानी से सुनिश्चित हो सकती है। AR-924 मॉडल अल्फ़ान्यूमेरिक मॉडल है, यानी यह संख्याओं और अक्षरों वाले संदेश भेज सकता है। कई अन्य पेजर उपकरणों की तरह, AR-924 एकतरफ़ा उपकरण है, यानी यह केवल संदेश प्राप्त कर सकता है इसमें संदेश भेजा नहीं जा सकता है।
हिज़्बुल्लाह पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहा था?
हिज़्बुल्लाह अपने सदस्यों के लिए पेजर का इस्तेमाल बहुत तेज़ी से करता रहा है जिससे ये उनके लोगो में आम होता जा रहा था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने मीडिया अधिकारियों के हवाले से बताया कि हिजबुल्ला समूह ने गोल्ड अपोलो से 3,000 से ज़्यादा पेजर डिवाइस मंगवाए थे। जिनका वो use हमेशा से अपने कामों के लिए करते थे।
प्रोफ़ेसर और क्षेत्रीय सुरक्षा के जाने माने विशेषज्ञ अमीर अल सबाइल जी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि इस साल की शुरुआत में हिजबुल्ला समूह ने इज़राइल द्वारा अपने संचार को बाधित होने से बचाने के लिए मोबाइल फ़ोन की बजाय पेजर का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। इसी कारण से इजरायल ने पेजर डिवाइस को टारगेट किया था।