Shame for Beijing: China's Latest Nuclear Submarine Sinks in the Sea

चीन की परमाणु पनडुब्बी में हुआ बड़ा हादसा: अमेरिका ने करी इसकी पुष्टि



अमेरिका ने चीन की परमाणु पनडुब्बी हादसे की पुष्टि की है। अमेरिकी अधिकारियो का कहना है कि यह हादसा बीजिंग के लिए एक शर्मनाक पल है। इस हादसे  से चीन वर्ल्ड मीडिया में शर्म की मार झेल रहा है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस हादसे में अभी तक कितने लोगों की मौत हो पाई है।

 चीन की किरकिरी हुई हादसे से

खबर है कि चीन की सबसे नई और खतरनाक "झोउ क्लास" परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बी वो समुद्र में डूब गई है। जिसकी सेटेलाइट तस्वीरें अभी खुल कर सामने आ रही है। इसे चीन की नौसेना की ताकत माना जाता था। यह एक पनडुब्बी युद्धपोत था। यह हादसा करीब एक महीने पहले वुचांग शिपयार्ड में हुआ था, मीडिया  के अनुसार चीन ने इस बात को पूरी दुनिया से छुपा कर रखा था। अमेरिका एजेंसियां कह रही है कि भले ये हादसा हो गया लेकिन चीन ने इस बात को दुनिया से छिपाए क्यों रखा। अब जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें पनडुब्बी को क्रेन की मदद से बाहर निकाला जाता दिख रहा है। इसी से यह राज खुला और पूरी दुनिया के सामने आया जिससे ये बात आग की तरह हर तरफ फैल गई।

अमेरिका का आया बयान

अमेरिका ने कहा कि यह हादसा चीन के लिए बड़ी शर्म की बात है। अभी तक वैसे यह साफ नहीं हो पाया है कि पनडुब्बी में उस समय परमाणु ईंधन मौजूद था या नहीं। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि यह पनडुब्बी समुद्र में जाने से पहले अंतिम फिटिंग के दौर से गुजर रही थी, तभी यह अचानक हादसा हो गया।

चीन की चुप्पी इस हादसे के ऊपर

चीन के वॉशिंगटन स्थित दूतावास के प्रवक्ता ने इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हादसे का कारण और यह भी पता नहीं चल सका कि उस समय पनडुब्बी में परमाणु ईंधन था या नहीं। चीन सरकार ने इस बात की तो पुष्टि भी नहीं की है।

कैसे हुआ इस हादसे का खुलासा?

अमेरिकी नौसेना के पूर्व अधिकारी टॉम शुगार्ट ने इस हादसे का सुराग सबसे पहले लगाया। उन्होंने नोटिस किया कि 12 से 17 जून के बीच वुचांग शिपयार्ड में अचानक भारी-भरकम क्रेन लगाई गईं। इसके बाद शक गहरा गया कि कोई बड़ी दुर्घटना हुई है महासागर में।

चीन की नौसेना और भविष्य की क्या है योजना

आज चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नौसेना रखता है, जिसके पास 370 से भी ज्यादा जहाजी बेड़े शामिल हैं। पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 तक चीन के पास 6 परमाणु-संचालित मिसाइल वाली पनडुब्बियां और 48 डीजल अटैक पनडुब्बियां थीं। चीन का लक्ष्य है कि 2025 तक इनकी संख्या 65 और 2035 तक 80 कर ले।

सवाल उठे PLA पर भी

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह हादसा चीनी सेना (PLA) की जवाबदेही और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहा है। चीन की रक्षा उद्योग में लंबे समय से भ्रष्टाचार की समस्या तो चल ही रही है, इसलिए यह हैरानी की बात नहीं है कि चीन ने इस हादसे को पूरी दुनिया से छुपाने की कोशिश की होगी।

Neeraj Tiwari

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